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अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लोग हिंदू क्यों नहीं?

अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लोग हिंदू क्यों नहीं?

अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लोग हिंदू क्यों नहीं?

अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लोग हिंदू क्यों नहीं?

अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लोग हिंदू क्यों नहीं?

मुझे लगता है कि श्री एम.के. गांधी इस अवसर पर कुछ हद तक सही थे। यह एक स्वागत योग्य दुष्प्रभाव हो सकता है, लेकिन अलग निर्वाचन क्षेत्र का यह उद्देश्य नहीं था ।

सितंबर 1932 में प्रधानमंत्री रामसे मैकडोनाल्ड को लिखे एक पत्र में गांधी ने लिखा, “पिछड़े वर्ग के लिए अलग निर्वाचन क्षेत्र की स्थापना करना यह हिंदू धर्म को नष्ट करने के लिए सुनियोजित तरीके से जहर का इंजेक्शन लगाने के समान है|”

अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लोग जो अलग निर्वाचन क्षेत्र के अधिकार से वंचित होने को एक गंभीर अन्याय मानते है लेकिन खुद को हिंदू कहते रहते हैं, वे भारतीय इतिहास में सबसे बड़े ढोंगी लोग हैं |

यदि अलग निर्वाचन क्षेत्र को तय किए गए मामले के अनुसार कानूनी तौर पर लागू किया गया होता, तो अनुसूचित जातियों और जनजातियों के किसी भी व्यक्ति को हिंदू नहीं कहा गया होता |

इसलिए डॉ अंबेडकर ने कहा हैं “गांधी अछूतों के सबसे बड़े दुश्मन रहे हैं”  | 

शेखर बोधकर (लेखक)

सम्यक बोधी (अनुवादक)